शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

!! लडकियों से छेड़छाड़ में अंकल जी भी कम नहीं है !!


भारत में महिलाओं और लडकियों की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन, और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक,  में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है. आधुनिक  में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष की नेता और कई राज्यो  की मुख्यमंत्री आदि जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं. भारत की वर्तमान राष्ट्रपति एक महिला हैं फिर भी आज महिलाए और लडकिय समाज में सुरक्षित नहीं है यह बिचारनीय बिषय है ! छेड़छाड़ की घटनाओं में आज स्कूल कॉलेज के क्षात्रो की .छोटी सी उम्र और यह हाल।  छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने, मोबाइल पर गंदे एसएमएस भेजने व कॉल कर धमकियां देने वाले मामलों की जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे निश्चित रूप में चिंता का विषय हैं। वी केयर फॉर यू सेल ने जांच में पाया कि अधिकांश मामलों में स्कूली छात्रों के साथ-साथ शादीशुदा युवकों और अंकलो की भी संख्या अच्छी खासी है। छोटी से उम्र में ये हाल है जब बड़े होंगे तो छोटों को क्या संदेश देंगे ?

वी केयर फॉर यू सेल के पास नए साल में अब तक छेड़छाड़, अश्लील एसएमएस भेजने, कॉल कर परेशान करने की  बहुत सी शिकायतेंपहुचती है । अप्रैल 2011 में सेल गठित होने के बाद दिसंबर माह तक 309 शिकायतें मिलीं। इनमें 108 ऐसी थीं जिनमें स्कूली छात्र लिप्त पाए गए थे।बाकी सभी सिकायते या की सादी सुदा पुरषों की  है या  फिर  40 साल  के  ऊपर  के  अंकलो की है क्या यह समाज के लिए हितकर  है? तथ्य को प्रमाणित करने के लिए कुछ उदाहरण दे रहा हु आप भी देखे --
केस-1
महाराजपुरा के आदित्यपुरम में रहने वाली एमबीए छात्रा 3 जनवरी की शाम 7.15 बजे थाटीपुर से एमआईटीएस के पास वाले रास्ते से घर जा रही थी तभी एक बाइक पर सवार दो युवक उसके पास आए और मुंह पर बंधे स्कार्फ को खींच लिया। छात्रा ने बाइक नंबर नोट कर लिया जिससे दोनों को पुलिस ने पकड़ लिया। दोनों युवक शादीशुदा थे और उनके बच्चे भी थे।
केस-2
13 दिसंबर को शाम 7.30 बजे नई सड़क स्थित कैंथ वाली गली में रहने वाली एमबीए छात्रा एक्टिवा से नदी गेट पर शान-ए-शौकत के सामने से गुजर रही थी। इसी समय उसके पीछे एक युवक बाइक से आया और छेड़छाड़ करने के बाद भाग निकला। छात्रा ने बाइक का नंबर नोट कर लिया। बाइक खासगी बाजार में रहने वाले एक व्यक्ति की निकली जिसे उसका बेटा चलाता है।
केस-3
हॉकी टीम राजनंदगांव (छत्तीसगढ़) में राष्ट्रीय सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेकर गोंडवाना एक्सप्रेस से 22 दिसंबर को ग्वालियर लौट रही थी। ट्रेन जब बीना से गुजरी तभी एस-5 कोच में ऊपर की बर्थ पर सो रही एक खिलाड़ी के साथ गिर्राज अग्रवाल ने छेड़छाड़ कर दी। आरोपी (गिर्राज) शादीशुदा है, उसके खिलाफ जीआरपी थाने में मामला दर्ज कराया गया।छेड़छाड़ की घटनाओं पर कड़ाई से नियंत्रण लगाने के लिए माफी देने के बजाय आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जाने चाहिए और कठोर से कठोर सजा का प्रावधान होना चाहिए ऐसा मेरा सोचना है ! सेल में अब तक पहुंची शिकायतों में स्कूल व कॉलेज (नाबालिग) छात्र भी काफी संख्या में आरोपी पाए गए हैं। हाल में सड़क पर छेड़छाड़ के मामलों में शादीशुदा युवक भी पकड़े गए हैं जिसमे तो कई अंकल जी भी है जिनकी उम्र 40 के पार है ।
 महिलाओं के विरुद्ध दर्ज की गयी अपराधों की कुल संख्या का आधा हिस्सा कार्यस्थल पर छेड़छाड़ और उत्पीड़न से संबंधित था लड़कियों से छेड़छाड़ (एव टीजिंग) पुरुषों द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न या छेड़छाड़ के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक चालबाज तरकीब (युफेमिज्म) है. कई कार्यकर्ता (एक्टिविस्ट) महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के लिए "पश्चिमी संस्कृति" के प्रभाव को दोषी ठहराते हैं. विज्ञापनों या प्रकाशनों, लेखनों, पेंटिंग्स, चित्रों या किसी एनी तरीके से महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व को रोकने के लिए 1987 में महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम पारित किया गया था.
1997 में एक ऐतिहासिक फैसले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कार्यस्थल में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक मजबूत पक्ष लिया.पर यह मजबूत पक्ष सिर्फ कागजो तक ही सिमित दिख रहा है क्यों ?


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