शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

मायावती जी का ब्राह्मण कार्ड

सवर्णों के आरक्षण का समर्थन किया-बीएसपी
उत्तरप्रदेश में 2012 में होने वाले चुनावों की तैयारी राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री मायावती नए-नए योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास में लगी हुई हैं साथ ही ब्राह्मण कार्ड खेलने से भी नहीं चुक रही हैं 12 नवंबर को सतीश चंद्र मिश्रा की मां के नाम पर खुले विक्लांग विश्वविद्यालय लोकार्पण के बाद 13 नवंबर को बीएसपी ने ब्राहम्ण सम्मेलन का आयोजन किया। पार्टी में मायावती के बाद सबसे अहम स्थान रखने वाले सतीश चंद्र मिश्रा ने सम्मेलन में जनता को पहले संबोधित किया और कहा कि न कोई अगड़ा है न कोई पिछड़ा सब एक हैं। लेकिन उनकी मंशा जल्द ही साफ हो गई जब उन्होने नारा दिया ब्राहम्ण शंख बजाएगा तो हाथी दिल्ली जाएगा। यानी वोट बैंक बढ़ाने के लिए ब्राहम्णों को लुभाना सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य था।
राज्य में मायावती की कितनी शक्ती है ये तो सभी को पता है साथ ही पार्टी में मायावती की शक्ति भी किसी से छुपी नहीं है फिर भी मिश्रा ने माया की एक और शक्ति से जनता को अवगत कराया और कहा कि मायावती को देवीय शक्ति प्राप्त है। चुनावी सरगर्मी को भांपते हुए मिश्रा नए नारो के साथ आए थे, वैसे भी पार्टी का पुराना नारा चढ़ गुंडों की छाती पर मुहर लगेगी हाथी पर, बीएसपी के साथ अब फिट नहीं बैठता है इसलिए मिश्रा ने नया नारा दिया तिलक लगाओं हाथी पर बाकी सब बैसाखी पर
जाहिर है सम्मेलन का नाम ही जब ब्राहम्ण सम्मेलन है तो बात भी सवर्णों की ही की जाएगी सो मायावती ने पिछली सरकारों पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि अधिकांश समय सत्ता उंची जाती के लोगों के हाथ में रहने के बाद भी मुट्ठीभर लोगों को छोड़ कर बाकी लोग काफी पिछड़े हैं। लगे हाथ उन्होने सवर्णों के आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि सवर्ण समाज के गरीबी के कारण पिछड़े लोगों की आरक्षण के मांग का भी बीएसपी ने पुरजोर समर्थन किया है इस संबंध में माननीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बार- बार अनुरोध किया है।
सम्मेलन दर सम्मेलन जनमत के जुगा़ड़ में लगी बीएसपी का ब्राहम्ण कांड और  नारे जनता को कितना रास आएंगे ये तो वक्त ही बताएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें